गुरुवार, 21 जुलाई 2016

जैतापुर के प्रधान दयाशंकर गरीबों के सच्चे हमदर्द

जैतापुर के प्रधान दयाशंकर गरीबों के सच्चे हमदर्द
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बेहद संजीदा,सरल व सादगी मय जीवन जीने वाले
जैतापुर के वर्तमान प्रधान माननीय दयाशंकर जी
का जन्म इलाहाबाद जनपद के हंडिया तहसील के जैतापुर
गाँव में श्री रामप्रसाद के घर एक जुलाई 1974 को
हुआ था.माताजी का नाम मुल्हरा देवी था.पिताजी बहुत ही
सहृदयी स्वभाव के थे.माता जी के सादगी भरे जीवन को पाकर
बालक दयाशंकर के उपर माँ के गुणों का पूरा प्रभाव रहा.आपकी शादी
लालती देवी से हुआ.आपके दो पुत्र राहुल और विकास हैं.तीन पुत्रियाँ
भी आप के घर को सुंदर बना दिया.तीनों पुत्रियों का नाम क्रमशः
नीशा,प्रीति व रेशमा हैं.आपका पूरा हरा भरा परिवार है.

पढ़ाई लिखाई में तेज विचारधारा के थे.आपकी शिक्षा बारहवीं
तक हुई.अपने होनहार प्रवृत्ति से आई टी आई की भी परीक्षा
उत्तीर्ण कर माता पिता का नाम रौशन किया.यह सब आपके
अथक मेहनत का परिणाम रहा.शिक्षा के प्रति आपकी सोंच
सदैव सकारात्मक रही और हर युवावर्गों से बार बार अपील भी
करते रहते हैं कि भले दो रोटी कम खाइये लेकिन शिक्षा के बिना
वास्तविक विकास संभव नहीं है.

आप बिल्कुल सरल हृदय के स्वामी हैं.सबके साथ हिलमिलकर
रहने का भाव सदैव रखते हैं.मिलनसार प्रवृत्ति तो नैसर्गिक है.
करूण भावना के इंसान हैं.महान व्यक्तित्व तो आपकी सादगी
में छिपा है.कोई दिखावटी स्वभाव नहीं. भारतीय संस्कृति को
अपनाये हुये सादा जीवन,उच्चविचारों में भरोसा करते हैं.यही
तो आपकी महानता है.यही महान स्वभाव गाँव वालों के हृदय
में रची बसी है.यही सब आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगा रहे हैं

उदार हृदय तो बचपन से घर के माहौल में मिला.खेल की रूचि ने
सामाजिकता का स्वरूप स्थापित किया जो आगे चल कर राजनीति
में सहायक सिध्द हुआ.खासकर युवावर्ग केे प्रति आपकी सोंच उदार
सदैव रही है.साथ ही साथ गाँव का विकास कैसे हो.गरीबों का
विकास कैसे हो.यह चिन्ता आपको ज्यादा सता रही थी.मन में
जुनून था कुछ करने का.कुछ कर गुजर जाने का और यही सोंच
लेकर वर्तमान राजीतिक स्वरूप को देखते हुये प्रधानी का चुनाव आया
और पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा जो पहली बार में सफल रहीं.
गाँव के विकास के मार्ग प्रशस्त हुये और गरीबों,मजदूरों,शोषितों,पीड़ितों
व वंचितों के प्रति उदार रवैया अपनाते हुये गाँव के विकास में लगाया.
गाँव के बदलते माहौल में दुबारा चुनाव निकालने में असफल भले रहे
लेकिन विकास की तूती माननीय दयाशंकर जी की बोलती रही और
फिर चुनाव में जैतापुर गाँव वालों को लगा कि गाँव का अगर
कोई सच्चा हितैषी है तो वह माननीय दयाशंकर ही हैं

प्रधान दयाशंकरजी का मानना है कि गाँव में जो विकास होगा
वह विकास का पहला लाभ गाँव के सबसे जीरो व्यक्ति से शुरू
होगा.गरीबों को हक दिलाया जायेगा.सरकारी योजनाओं का हर
लाभ  जरूरतमंदों को दिलाया जायेगा.मोदी जी की स्वच्छता
अभियान के अन्तर्गत घर घर शौचालय बनाने का लक्ष्य माननीय
प्रधान जी का है.जरूरतमंदों को आवास भी दिलाने की बात मन
में है.विधवा,वृध्दा व समाजवादी पेंशन भी पात्रों को दिया जायेगा.
किसी भी प्रकार का बिना भेदभाव किये गाँव के हर तबके का विकास
किया जायेगा.

यही सब वह खास चीजें हैं जो महान व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं.आप
का जीवन मंगलमय हो.गाँव के विकास में सदैव तत्पर रहें ताकि आने वाली
पीढ़ी आपको भुला न सके....


.........लेखक
         जयचन्द प्रजापति
         जैतापुर,हंडिया,इलाहाबाद




बुधवार, 20 जुलाई 2016

कवि जयचन्द प्रजापति की कविता

गरीबों की बस्ती में
देखो
अभी भी चिराग जल रहा है

यह एक
मानवता
व सत्य का चिराग

पूरी जमीं पर
नव युग का संदेश दे रहा है...

कवि जयचन्द प्रजापति' कक्कू'


कवि जयचन्द प्रजापति की कविता

जिस घर में
लिखा होता है
कुत्ते से सावधान

क्या उस घर में
सब कुत्ते रहते हैं
क्या???

 कवि जयचन्द प्रजापति 'कक्कू'