दीपावली
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दीपावली
जब आती है
नवरंगों में
दीप सजाती है
मन में भरती उजियारा
नये सुर में
नव सुर देती
खुशी मनाओ
मिट्टी के दीपक से
यही हमारी इच्छा है
कवि जयचन्द प्रजापति
जैतापुर,हंडिया,इलाहाबाद
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दीपावली
जब आती है
नवरंगों में
दीप सजाती है
मन में भरती उजियारा
नये सुर में
नव सुर देती
खुशी मनाओ
मिट्टी के दीपक से
यही हमारी इच्छा है
कवि जयचन्द प्रजापति
जैतापुर,हंडिया,इलाहाबाद
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