रविवार, 7 अगस्त 2016

यह जमाना....कवि जयचन्द प्रजापति

यह जमाना
..............
यह जमाना

बहुत खराब है
पीड़ा से युक्त है
संयम नहीं

मौका मिलते ही
रेत रहे हैं
गले को
मौत नाच रही है
हर द्वार पर

कैसा है जमाना
कत्ल आम हो गया है
राह भी चलना
हो गया है
मुश्किल
हाय रे जमाना


कवि जयचन्द प्रजापति
जैतापुर,हंडिया,इलाहाबाद

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