कुछ नया करो
.................
कुछ नया करो
मुश्कान बिखेरो
नव लय ताल से
नव गीत लिखो
गाँव का विकास
हो ऐसा
खुशी मनाये सब
छूटे न कोई गरीब
सबको हो कल्याण
दयाशंकरजी की दया से
चमके जैतापुर गाँव
यही आशा है श्रेष्ट जनों की
महके सारा गाँव
चापलूसों से दूर रहें
सोंचे नया कुछ
नवरंग भरें गाँव में
यही अभिलाषा है
जन जन की
सहीं समय आया है
गाँव अपना जागा है
समझो नवयुग आया है
सुंदर गीत लाया है.
न्याय करना इस धरा पर
सच्चा इतिहास लिखना
लिखना नई कहानी
गाँववासियों का यही है कहना
ईश्वर का नाम लेकर
खड़ा करना विकास की ईमारत
बहेगी गुणगान की धारा
जैतापुर को बनाना जन्नत
-------- Poet
Jaychand prajapati
Jaitapur,Handia,Allahabad
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कुछ नया करो
मुश्कान बिखेरो
नव लय ताल से
नव गीत लिखो
गाँव का विकास
हो ऐसा
खुशी मनाये सब
छूटे न कोई गरीब
सबको हो कल्याण
दयाशंकरजी की दया से
चमके जैतापुर गाँव
यही आशा है श्रेष्ट जनों की
महके सारा गाँव
चापलूसों से दूर रहें
सोंचे नया कुछ
नवरंग भरें गाँव में
यही अभिलाषा है
जन जन की
सहीं समय आया है
गाँव अपना जागा है
समझो नवयुग आया है
सुंदर गीत लाया है.
न्याय करना इस धरा पर
सच्चा इतिहास लिखना
लिखना नई कहानी
गाँववासियों का यही है कहना
ईश्वर का नाम लेकर
खड़ा करना विकास की ईमारत
बहेगी गुणगान की धारा
जैतापुर को बनाना जन्नत
-------- Poet
Jaychand prajapati
Jaitapur,Handia,Allahabad