चाँद उदास था
..................
एक दिन
चाँद उदास था
दुःखी था
निराशा से भरा था
मन मलिन था
किसी कोने में खड़ा था
मैंने पूछा
चाँद उदास क्यों हो
उसने बुझे मन से कहा
चाँदनी
किसी और से मिलने जाती है
जयचन्द प्रजापति कक्कू
जैतापुर, हंडिया, इलाहाबाद
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एक दिन
चाँद उदास था
दुःखी था
निराशा से भरा था
मन मलिन था
किसी कोने में खड़ा था
मैंने पूछा
चाँद उदास क्यों हो
उसने बुझे मन से कहा
चाँदनी
किसी और से मिलने जाती है
जयचन्द प्रजापति कक्कू
जैतापुर, हंडिया, इलाहाबाद
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