सच्चा सुख
हम तो दो रोटी खाकर
फुटपाथों पर सो लेते हैं
आप तो छप्पन पकवान कर
महल में नहीं सो पा रहे हैं
कवि जयचन्द प्रजापति कक्कू
जैतापुर, हंडिया, इलाहाबाद
हम तो दो रोटी खाकर
फुटपाथों पर सो लेते हैं
आप तो छप्पन पकवान कर
महल में नहीं सो पा रहे हैं
कवि जयचन्द प्रजापति कक्कू
जैतापुर, हंडिया, इलाहाबाद
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