गुरुवार, 2 जून 2016

दो जून....कवि जयचन्द प्रजापति' कक्कू'

दो जून की रोटी
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दो जून को
खाना चाहिये रोटी
इस तारीख को
जिसे मिलती है रोटी
वह नसीब वाला होता है
दो जून की रोटी



बड़ी मुश्किल से मिलता है
बहुत परिश्रम से
मेहनत के बाद मिलती है
नहीं नसीब जिसकी
तरसता है जीवन भर
आज का दिन
बहुत नसीब का है
मेहनत कश के लिये


जयचन्द प्रजापति कक्कू जैतापुर

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