रविवार, 5 जून 2016

पर्यावरण.....कवि जयचन्द प्रजापति 'कक्कू'

पर्यावरण
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पेड़ लगाओ प्यारे
नव जीवन लाओ
नवगीत लिखो
नव हरियाली लाओ
यही है जीवन

हरा भरा रहे
यह बगीचा
महके चारो ओर
नई नवेली दुल्हन की तरह
सजा रहे
यह भारत मेरा

पेड़ नहीं
जीवन नहीं
नई आशा नहीं
रंगहीन जीवन
स्वच्छ बनाओ धरा
पेड़ लगाकर
जीवन धन्य बनाओ

जयचन्द प्रजापति' कक्कू'
जैकापुर,हंडिया, इलाहाबाद


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