सोमवार, 2 मई 2016

कवि जयचन्द प्रजापति, कक्कू' की कविता.......भगवान

भगवान
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भगवान तुम
मेरे हृदय को
महान बना दो
पहुँचा दो
उस जगह
जहाँ शान्ति हो
फरेब का नामोनिशां न हो
देखना चाहता हूँ
एक शरीफ स्थान
यहाँ लूट मची है
यहाँ झूठे शब्दों की
जय जयकार है
बड़ा कमीना जग प्रभु!
सहा नहीं जाता
दिखावटी रंगों का रूप
सच्ची जिन्दगी
ताक रहा हूँ
सुनो पुकार मेरी
भगवान
दूर करो व्यथा मेरी



जयचन्द प्रजापति 'कक्कू'
जैतापुर हंडिया, इलाहाबाद
मो./07880438226

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