गुरुवार, 5 मई 2016

ऋचा सिंह.....कवि जयचन्द प्रजापति 'कक्कू'

ऋचा सिंह
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ऋचा सिंह
बन शेरनी 
लाज रखना
उन गरीब छात्रों का
जो दूर है
अॉनलाईन तकनीकि से
लड़ना जी भर
रखना आन्दोलन
मरते दम तक
वीर हो
वर्तमान में
साहस हो
उन असहाय छात्रों की
न डगमगाये हाथ तुम्हारे
खिला देना
कमल
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में
चले न चालें कोई
ठग न पाये
चालबाजी से
उनके कन्धे का
सम्बल बनना
यही हमारी
बातें हैं
राह रोक न पाये कोई
बन सिंहनी
गरजना तुम
होशियारी से लड़ना
धैर्य न खोना
हिम्मत तुम्हारी
सबकी आशा है
ऋचा हमारी
छात्रों की भाषा है


जयचन्द प्रजापति 'कक्कू'
जैतापुर, हंडिया, इलाहाबाद
मो.07880438226

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