शनिवार, 14 मई 2016

मेरे पिया......जयचन्द प्रजापति' कक्कू'

मेरे पिया
...........
मेरी हालत
देखो
मेरे पिया
तड़प रही हूँ
बीते सावन से
अँखिया पथरा गई
नैन दुखने लगा
जीह्वा सूख गई
रट लगाते लगाते
देखूँ तेरी सूरत
कब आओगे पिया
रात बीत नही रही है
कैसे कहूँ
जी का हाल
बर्बादी दिख रही है
भरी दुपहरी में
सूख गई जवानी
होठों की पपड़ी
दिल की मजबूरी
पड़ी हूँ शैय्या पर
लौट आओ इस बेरी
नहीं पाओगे लाश मेरी
बन गई हूँ जिन्दा लाश

जयचन्द प्रजापति कक्कू
मो.07880438226

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