शनिवार, 19 मार्च 2016

यह सुबह

यह सुबह
कितनी मधुर है
चिड़िया गायें
मधु दिन आये
छाये हरियाली
जीवन की बेला में
मधुर पंख लगाये
नव गीत गुनगुनाये
नई ताजगी देती सुबह


          जयचन्द प्रजापति

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