यह सुबह
कितनी मधुर है
चिड़िया गायें
मधु दिन आये
छाये हरियाली
जीवन की बेला में
मधुर पंख लगाये
नव गीत गुनगुनाये
नई ताजगी देती सुबह
जयचन्द प्रजापति
कितनी मधुर है
चिड़िया गायें
मधु दिन आये
छाये हरियाली
जीवन की बेला में
मधुर पंख लगाये
नव गीत गुनगुनाये
नई ताजगी देती सुबह
जयचन्द प्रजापति
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें