चिड़ियों के राग से
......................
यह सुबह कहे
जीवन का शुभ पल
बीत रहा है
भीगे भीगे मतवाले नयन
उदास ये स्वर लहरियाँ
जीवन की कहे कहानी
पल पल ये आँखें
मदहोश है तरंगें
खुशियाँ लहरें
हर साँसों में
हर बाहों में
गीत सुना रहा है
रस से भरी है
निगाहों में शोख है
चंचल ये चितवन है
राहों में खडी है
बुला रही है इशारे करके
ओसों की बूँदों में
जवानी के राहों में
हर धड़कन में
पुलकित हो रही है
अभी छा जाने का मौसम है
रह रह के बीते पलों में
गुण गा रही है
मतवाली किरणें
भोर हुआ है मुसाफिर
नीदों को तोड़ दे
आयी है मतवाली सुबह
चिड़ियों के राग से
हरियाली आ रही है
जयचन्द प्रजापति
......................
यह सुबह कहे
जीवन का शुभ पल
बीत रहा है
भीगे भीगे मतवाले नयन
उदास ये स्वर लहरियाँ
जीवन की कहे कहानी
पल पल ये आँखें
मदहोश है तरंगें
खुशियाँ लहरें
हर साँसों में
हर बाहों में
गीत सुना रहा है
रस से भरी है
निगाहों में शोख है
चंचल ये चितवन है
राहों में खडी है
बुला रही है इशारे करके
ओसों की बूँदों में
जवानी के राहों में
हर धड़कन में
पुलकित हो रही है
अभी छा जाने का मौसम है
रह रह के बीते पलों में
गुण गा रही है
मतवाली किरणें
भोर हुआ है मुसाफिर
नीदों को तोड़ दे
आयी है मतवाली सुबह
चिड़ियों के राग से
हरियाली आ रही है
जयचन्द प्रजापति
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