दया
दया जीवन का सबसे बड़ा रहस्य है जिसके जीवन
में दया का भाव नहीं आया वह सच्चा इंसान नहीं माना
जाता है.दया को खरीदा नही जा सकता है.दया असहायों
के लिये उपजा मन का भाव है.जब सच्चे हृदय को पुलकाओगे
तो यह सहज गुण स्वमेव आ जाता है.
दयालु व्यक्ति गुणवान भी होता है.वह सहीं मार्ग पर चलता है
अच्छे कार्यों की तलाश में रहता है.महान व दयावान हृदय
बनाने में वह लगा रहता है.अनवरत दया का घूँट पीता रहता है.
मानवीय गुण उदारता का हिस्सा होता है.
दया के लिये सहज हृदय की आवश्यकता होती है जहाँ सहज
हृदय का आगमन होता है.करूणा उसके आगे पीछे चक्कर लगाना
शुरू कर देती है.दया का रसा स्वादन लेना चाहिये जो ऐसा करते है.
वह दया का पैगम्बर होता है
दया जीवन का सबसे बड़ा रहस्य है जिसके जीवन
में दया का भाव नहीं आया वह सच्चा इंसान नहीं माना
जाता है.दया को खरीदा नही जा सकता है.दया असहायों
के लिये उपजा मन का भाव है.जब सच्चे हृदय को पुलकाओगे
तो यह सहज गुण स्वमेव आ जाता है.
दयालु व्यक्ति गुणवान भी होता है.वह सहीं मार्ग पर चलता है
अच्छे कार्यों की तलाश में रहता है.महान व दयावान हृदय
बनाने में वह लगा रहता है.अनवरत दया का घूँट पीता रहता है.
मानवीय गुण उदारता का हिस्सा होता है.
दया के लिये सहज हृदय की आवश्यकता होती है जहाँ सहज
हृदय का आगमन होता है.करूणा उसके आगे पीछे चक्कर लगाना
शुरू कर देती है.दया का रसा स्वादन लेना चाहिये जो ऐसा करते है.
वह दया का पैगम्बर होता है
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