वे लोग
वे लोग
जो देश की बुराई करते हैं
गुमराह करते हैं
साधारण जनों की
अपमानित करना
उनकी आदत है
गंदी हुकूमत की
बू आती है
काँटें बोना
उनकी
शोहरत की मिशाल है
कुछ लोग
जानबूझ कर
नेकी का चोला पहनतें हैं
उनकी आँखों में
गंदी नियत की
फिल्म चलती है
झूठीं शान के चलते
गरीबों की
कब्र खोदतें है.
जयचन्द प्रजापति
वे लोग
जो देश की बुराई करते हैं
गुमराह करते हैं
साधारण जनों की
अपमानित करना
उनकी आदत है
गंदी हुकूमत की
बू आती है
काँटें बोना
उनकी
शोहरत की मिशाल है
कुछ लोग
जानबूझ कर
नेकी का चोला पहनतें हैं
उनकी आँखों में
गंदी नियत की
फिल्म चलती है
झूठीं शान के चलते
गरीबों की
कब्र खोदतें है.
जयचन्द प्रजापति
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें