संगम
शनिवार, 19 मार्च 2016
होली
होली आयी रे
रंग लाई रे
रंगों से सजा यह पर्व
गाये गीत
पिचकारी डाले रंग
लाल गुलाल
उड़े
मतवाला मन
झूम झूम नाचे
जयचन्द प्रजापति
1 टिप्पणी:
इलाहाबादी रचना साहित्य सम्मेलन
19 मार्च 2016 को 9:57 pm बजे
कविता बहुत अच्छी है
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कविता बहुत अच्छी है
जवाब देंहटाएं