शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016

कवि जयचन्द प्रजापति की रचना

पानी

पानी बिन
जीवन सूना
पानी से रंग बने चोखा
पानी ही सबकुछ
पानी गया
जीवन गया
नीरस भई जिन्दगी
बचाओ पानी प्यारे
भोर भई जागो प्यारे



             जयचन्द प्रजापति

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