सोमवार, 4 अप्रैल 2016

साहित्यकार जयचन्द प्रजापति की कविता...इलाहाबाद के गाँव

इलाहाबाद के गाँव
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इलाहाबाद के गाँव
खेती से सजे हैं 
गाँव में बनी पगडंडियाँ
सरसों से सजा
गाँव की सूरत
उसी में बैठी
गाँव की दुल्हन
घूँघट से झाँके
नदी,झरने व सिवानों को
बैलों की जोड़ी
खेतों की जुताई करते हुये
यहाँ के आमों पर बैठी कोयल
जगाती नन्हें नन्हें बच्चों को
कू कू की आवाज से
नीम की डाली पर
कौआ मेहमानों का 
आने का संदेश दे रहा है
वहीं गौरैया आँगन में
फुदक रही है
किसान खेतों में है
उसकी घरनी पानी लेकर जाते हुये
गाँव में भौंकते कुत्ते
पोखरों पर बैठी
गाँव की छोकरी को
निहारते हुये लोग
भूलता नहीं है
इलाहाबाद के अमरूद
यही है गाँव की रंगत


         जयचन्द प्रजापति
         जैतापुर, हंडिया, इलाहाबाद

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