सोमवार, 11 अप्रैल 2016

कवि जयचन्द प्रजापति ' कक्कू जी' की कविता.. यह शहर

यह शहर
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यह शहर
कभी नहीँ बुलाता हमें
सादगी लिये
मैं पड़ा हूँ गाँवों में
काटता है मुझे
प्रतीत होता है
मत जाओ वहाँ
जहाँ मिट जायेंगीं
भीड़ में
अस्मिता


जयचन्द प्रजापति ' कक्कूजी'
जैतापुर, हंडिया, इलाहाबाद
मो.07880438226

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