शनिवार, 23 अप्रैल 2016

मंदिर और मस्जिद..कवि जयचन्द प्रजापति 'कक्कूजी'

मंदिर और मस्जिद

मार काट मचा है
धर्म के नाम पर
कैसा रंग बहा है
जहाँ देखो
वहाँ हल्ला मचा है
दंगा फसाद में
साधारण मानव को
बलि के लिये पुकारा जाता है
स्त्री व बच्चों को
काटा जाता है
तहस नहस करते हैं
सरकारी संपत्ति
यह खेल बहुत पुराना है
बड़ा मजा आता है
राजनीति का रंग जमता है
करोड़ों का
वारा न्यारा होता है
आज का भगवान विवश है
क्या करे
वह भी अपना ठिकाना ढूँढ रहा है


जयचन्द प्रजापति 'कक्कूजी'
जैतापुर, हंडिया, इलाहाबाद
मो़ 07880438226


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