शुक्रवार, 29 अप्रैल 2016

प्रसिध्द कवि जयचन्द प्रजापति' कक्कूजी' की कवितायें......

सुनों जी
...........

सुनों जी
कहाँ हो
जल्दी आओ
मेरे पास
बात करनी है
कुछ
भूली भूली सी
रहती हो
व्यस्त रहती हो
देर तक
बहुत कुछ
कहना है
सारी बातें बताना है
लेकिन फँसी हो
नित नये कामों में
कभी फुर्सत में
हमसे बात
करती क्यों नहीं
कामों में रहती हो
बच्चों में
संडे को भी मगन रहती हो



अजी
......

प्रेम करती क्यों नहीं
बहकी बहकी
रहती हो
खोई हो क्या
किसी के याद में
भूल कर
अजी
चली आओ
सुरमयी शाम में
कुछ
मुश्कराती नहीं
थोड़ा चूमने दो
होंठों को
बस एक बार


जयचन्द प्रजापति कक्कूजी
जैतापुर, हंडिया, इलाहाबाद
मो.07880438226

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें