बुधवार, 27 अप्रैल 2016

हरिवंशराय 'बच्चन' जी.....कवि जयचन्द प्रजापति ' कक्कूजी'

हरिवंशराय 'बच्चन' जी
.............................
लिख कर
इतिहास बनाया
बनी मिशाल मधुशाला
हिन्दी हुई धन्य
निकली रस की धारा
प्रेम की कहानी
बनी रचना
जन जन की
लिखी मन की व्यथा
जग जाना
व्यक्तित्व आपका
मधु दिन
जब छाया
इलाहाबाद अमर हुआ
हृदय की बात
फूटी मन में
शत शत नमन
प्रिय कवि
रखा मान हिन्दी का
मन भया हर्षित
धन्य बनी कविता
जीवन की पूरी
हुई अभिलाषा


जयचन्द प्रजापति 'कक्कूजी'
जैतापुर, हंडिया, इलाहाबाद
मो.07880438226

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