मंगलवार, 19 अप्रैल 2016

स्वार्थ.जयचन्द प्रजापति 'कक्कू जी' की कविता

स्वार्थ
.......
स्वार्थ ने
जिन्दगी के मायने बदल दिये हैं
लोग फायदे में
तल्लीन हैं
रगों में बह रहा है
स्वार्थ का खून
इसके लिये
कत्ल का हिसाब
बना रहे हैं
अपने ही रिश्तों को
गला काट रहें हैं
कैसा यह मर्ज है
दवा नहीं है
दवाखाने में


जयचन्द प्रजापति 'कक्कूजी'
जैतापुर, हंडिया, इलाहाबाद
मो.07880438226


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