बुधवार, 6 अप्रैल 2016

कवि जयचन्द प्रजापति 'कक्कूजी' 'की कुछ यादें.

मैं बहुत ही गरीबी में पला बढ़ा.तमाम कोशिशों के बाद हम नहीं बढ़ सके.
वही रोना धोना लगा रहा.नून ले आओ.तेल नहीं है .गरीबी में पत्नी जी नाराज
हैं कि मेरा गहना नहीं बन सका .दुःख मुसीबतों से भरा यह घर यहाँ हँसनें का
मौका नहीं मिला, तीज त्योहार छोड़के.

जब पिताजी इस संसार से चले बसे, हमें प्रकृति के सहारे छोड़ दिया मुसीबतों का दौर
रहा.किसी तरह पेट पूजा हो जाये बहुत है.माँ बहुत मेहनती रही उसके मेहनत के
फलस्वरूप कुछ डिग्री हमने भी प्राप्त कर लिया लेकिन नियति की हवा ऐसी चली
कि हम कवि हो गये.कवि होना साधारण बात नहीं है.बड़ी रगड़ करनी पड़ी.तमाम
अनुभव को पार करना पड़ता है.

कहते है कि महान बनना आसान नहीं है.यह सचमुच सौ आना सहीं है.मेरे लगातार
प्रयास से मेरी कवि यात्रा निकल पड़ी है.लिखता हूँ बहुत कुछ जो समाज में घटनायें
हो रहीं हैं.जूझने वाले मेरे कविता में जगह पा रहें है.उनको मैं अपने लेखनी से अमर
कर रहा हूँ.

सरल व सहज भाषा पर अधिकार है.जन भावनाओं से भरा विचार नई रोशनी के साथ
शब्दों का खेल खेलता हूँ.कठोर भाषा मुझे तनिक भी नहीं भाते हैं.यह मेरे हिस्सा का
विषय नहीं है.

कठोर, चालाक व स्वार्थपरक परक लोग मुझे नहीं जमते हैं अगर मुझे पता चलता है कि
यह ऐसा है तो उससे दूरी बना लेता हूँ.ऐसे व्यक्ति हमारे दिल में जगह बनाने में सफल नहीं
हो पाते हैं.ऐसे लोग घातक होते हैं.ये लोगअपने फायदे के लिये अापकी छति में लगे रहते हैं
ऐसे लोगों से दूर रहने में ही अपना कर्तव्य समझना चाहिये.ये मौका पाते ही अपने जीवन मे
इकट्ठे किये सारे जहर आपके हलक में उतार देंगें.

मुसीबत का मारा इंसान महान अनुभव सीखता है.बहुत लोग मुँह लटकाये चले आयेंगें ये
ऐसे चालाक हैं कि वे आपको महान बुध्दु समझते हैं.काम निकलनें के बाद कभी नजर
नहीं आते हैं.ऐसे घटिया लोगों से बचकर,गरीब व अच्छे हृदय वाले का हिमायती बनिये.

साधारण जीवन जीकर महान हृदय पैदा किया जा सकता है.इसके लिये जूते मोजे.
टाई व मँहगे कपड़े खरीद कर पहननें से महान हृदय नहीं पैदा किया जा सकता है.
आप सोचिये की हम कार से जा रहें है तो हम महान गुण वाले हैं.अन्य लोगों को
वह कूड़ा करकट समझता है.यह एक साधारण व शुध्द लोगों पर सीधा सीधा किया
गया हमला है.




                                                                             जयचन्द प्रजापति 'कक्कूजी'
                                                                             जैतापुर, हंडिया, इलाहाबाद



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें