रविवार, 3 अप्रैल 2016

जयचन्द प्रजापति की हाइकु कवितायें

 (1)

प्रकृति रंग
हरा करे हृदय
हँसे ये मन

(2)

ये सँवारती
मनोहर रूप की
हँसी लाती है

(3)

सावन आया
हरियाली समाया
पूरे समय

(4)

हर तरह
तेरी है जयकार
सुनो पुकार

(5)

यह सागर
लहराता मधुर
प्रेम का गीत

             जयचन्द प्रजापति

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