मंगलवार, 5 अप्रैल 2016

कविताप्रजा..इलाहाबाद का कवि जयचन्द प्रजापति

इलाहाबाद का कवि
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इलाहाबाद का कवि
गरीबी में मुसीबतों को सहता हुआ
लिख रहा है कविता
संघर्ष से बना है कलेजा
सामाजिक झंझावतों से
दर्द लिये कविता का
हंडिया के जैतापुर गाँव में
रचना लिखता पड़ा है
देख रहा है पीड़ा
गिरे हुये समाज का
मानवता कराह रही है
कवि हुंकार भर रहा है
जीने की राह लिये
डटा खड़ा है मानवता के पथ पर
देख रहा है विधवा की सूरत
देख रहा है गाँव का हाल
समझ रहा है दुनियादारी
कविता का डंका पीट रहा है
सरकार को ललकार रहा है
असहायों को न्याय दिला रहा है
इलाहाबाद का कवि



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